“शपथ ग्रहण में फिर आऊंगा” – मोदी का वादा और बिहार की मुस्कान

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PM Modi wraps up Bihar election campaign in Champaran with the promise — “Will return for the oath ceremony!” From rally heat to witty repeat, here’s how the speech stole Bihar’s spotlight.

🎤 प्रचार का आख़िरी शो — और डायलॉग बना हेडलाइन!

बिहार में चुनाव का तापमान इतना बढ़ गया है कि नवंबर की ठंड भी पसीना मांग रही है।
चंपारण की धरती पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले —

14 नवंबर को शानदार जीत के बाद शपथ ग्रहण समारोह में फिर आऊंगा!”
तो जनता ने तालियों से जवाब दिया, “आइए, पर इस बार थोड़ा वाई-फाई भी साथ लाइए! 😄

यह था बिहार चुनाव प्रचार का ग्रैंड फिनाले — नारे, मोबाइल फ्लैशलाइट्स, और मंच पर मोदी का “शानदार कमबैक ट्रेलर”


📍 चंपारण से चली राजनीतिक बुलेट ट्रेन

शनिवार को पश्चिमी चंपारण के चनपटिया में पीएम मोदी ने बिहार चुनाव प्रचार का समापन किया।
भीड़, बैनर, नारों और चमचमाते मोबाइल लाइट्स के बीच, मोदी ने जनता को याद दिलाया —

हम वादे करते हैं, पूरे करते हैं। जो कहा है, वो किया है।

और यह लाइन इतनी फुल-ऑफ-कॉन्फिडेंस थी कि अगले ही पल बीजेपी के बैनर ऐसे फड़फड़ाए जैसे सूटिंग में फैन मशीन चालू हो गई हो!


👩‍🦰 महिलाओं को बताया विकास की असली ताकत

प्रधानमंत्री ने रैली में जब महिलाओं की भूमिका की बात की, तो मंच से तालियों की गूंज अलग ही स्तर पर थी।
उन्होंने कहा —

एनडीए की सरकार हमेशा नारी शक्ति के साथ खड़ी रही है।

उदाहरण के तौर पर बताया गया कि मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना (MMRY) के तहत
1.4 करोड़ जीविका दीदियों के खातों में ₹10,000 ट्रांसफर किए गए हैं।
साथ ही पंचायत राज संस्थाओं में 50% आरक्षण, सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण,
और संसद में 33% आरक्षण को महिलाओं के सशक्तिकरण की मिसाल बताया गया।

बिहारी दीदियाँ इस पल में गर्व से बोलीं —

अब झाड़ू हम घर में ही नहीं, राजनीति में भी चला रहे हैं! 😎


🚫 “अब बिहार में जंगलराज नहीं लौटेगा” — पीएम का भरोसा

मोदी ने कहा,

बिहार ने तय कर लिया है — वो दिन लौटकर नहीं आएगा, जब अंधेरा और डर शासन करता था।

मंच से उन्होंने लोगों से अपने मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने को कहा।
हजारों की भीड़ जब एक साथ चमकी, तो सीन ऐसा था जैसे “मोदी-फेस्ट 2025” का ट्रेलर चल गया हो।
उन्होंने कहा —

ये रोशनी इस बात का प्रतीक है कि बिहार अब अंधेरे से निकल चुका है।

मतलब साफ़ था — “मोबाइल ऑन करो, सिस्टम ऑन रहेगा!” 😂


🧵 “मैं बिहार की बेटियों का ब्रांड एंबेसडर हूँ” — डायलॉग जो ट्रेंड हुआ!

भीड़ शांत थी, और तभी पीएम बोले —

मुझे बिहार और इसकी बेटियों पर गर्व है। मैं उनका ब्रांड एंबेसडर हूँ।

बस फिर क्या था — अगले ही पल X (Twitter) पर ट्रेंड हुआ
#BiharKiBetiAmbassador 💬

मोदी ने बताया कि उन्होंने दक्षिण कोरिया की उपराष्ट्रपति और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को मधुबनी पेंटिंग्स गिफ्ट कीं,
ताकि बिहार की महिला कलाकारों को वैश्विक पहचान मिले।
यह सुनकर फ्रंट रो में बैठी महिलाएं बोलीं —

वाह, अब तो हमारी पेंटिंग्स भी इंटरनेशनल हो गईं! 🎨


🤭 राहुल गांधी पर तंज, भीड़ में हंसी का ठहाका

मोदी ने विपक्ष पर वार करते हुए कहा —

कुछ लोग हमारी आस्था और संस्कृति का अपमान करते हैं,
पर जनता उन्हें वोट की चोट देती है।

और यह लाइन सुनते ही जनता बोली —

हम भी देखेंगे, किसका वादा पक्का और किसका डेटा गड़बड़!

यह बिहार का नया चुनावी मीम बन गया —
वादे बनाम वाई-फाई: जो चले, वही अगली सरकार!


🚜 बिहार बनेगा Food Processing, IT और Tourism का हब

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए की सरकार बनने के बाद
बिहार को “Food Processing Powerhouse” और
“Textile & Tourism Hub” बनाया जाएगा।

उन्होंने भरोसा जताया कि

बिहार के युवाओं, महिलाओं और किसानों के समर्थन से हम विकास की नई कहानी लिखेंगे।

अब सोशल मीडिया पर मीम चल पड़ा —

बिहार का नया मंत्र – खेत से ऐप तक, सब कुछ डिजिटल! 😅


🕊️ चंपारण का सन्देश – गांधी से मोदी तक का सफर

यह भी एक दिलचस्प इत्तेफ़ाक है कि चंपारण, जहाँ गांधीजी ने सत्याग्रह शुरू किया था,
वहीं से मोदी ने प्रचार का समापन किया।
एक ने “नमक आंदोलन” चलाया था, दूसरे ने “विकास आंदोलन।”

बस फर्क इतना है कि
तब लोग नमक महंगा कह रहे थे, अब कह रहे हैं —

डेटा सस्ता है, पर नेटवर्क स्लो है! 📶


🧠 राजनीतिक विश्लेषण – वादा, भरोसा, और वायरल क्लिप्स

विश्लेषकों के मुताबिक,
मोदी का यह भाषण सिर्फ प्रचार का अंत नहीं, बल्कि
“भावनात्मक कनेक्शन की आखिरी डोज़” था।
उन्होंने महिलाओं, युवाओं और किसानों —
तीनों वोट ब्लॉक पर सीधा असर डाला।

विपक्ष इस बयान पर कह रहा है —

“शपथ ग्रहण में लौटने से पहले नतीजे देखना मत भूलिएगा!”
लेकिन समर्थक बोल रहे हैं —
“बिहार का मूड सेट है — अब बस 11 तारीख़ का इंतज़ार है!”


😂 Nokjhok Verdict – “मोदी बोले शपथ में लौटूंगा, जनता बोली – सैलरी भी बढ़वा दो!”

बात चाहे बिहार की हो या बयान की,
राजनीति अब मीम और माइक्रोफोन का खेल बन चुकी है।
मोदी के इस भाषण ने वो कर दिखाया जो एडवरटाइजिंग एजेंसियाँ महीनों में नहीं कर पातीं —
एक लाइन में खबर, हेडलाइन, और ह्यूमर सब दे दिया!

अब देखना ये है कि 14 नवंबर को वो “शपथ लेने” आते हैं या “शब्द वापस लेने” पड़ते हैं! 😉


वरना अगली बार नेता आएगा कहेगा – ‘मैं फिर आउंगा’… और आप बोलोगे – ‘भाई, अब बस करो!’ 😅**


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